मेलबर्न : भारतीय कोच रवि शास्त्री ने रविवार को खुलासा किया कि सीनियर स्पिनर रविंद्र जडेजा के कंधे में उस समय से जकड़न थी जब वह रणजी ट्रॉफी खेल रहे थे और आस्ट्रेलिया पहुंचने के चार दिन बाद उन्हें इंजेक्शन दिए गए थे। रविंद्र जडेजा की फिटनेस का मुद्दा हैरान करने वाला है क्योंकि पर्थ में दूसरे टेस्ट की 13 सदस्यीय टीम में उन्हें शामिल किया गया था।
आस्ट्रेलिया की दोनों पारियों में वह अधिकांश समय क्षेत्ररक्षण करते हुए भी दिखे जिससे भारतीय टीम के चोट प्रबंधन कार्यक्रम पर सवाल उठ रहे हैं। शास्त्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि रविंद्र जडेजा के साथ समस्या यह थी कि कंधे में जकड़ने के कारण आस्ट्रेलिया आने के चार दिन बाद उन्होंने इंजेक्शन लिया था। उन्होंने कहा कि इसका असर होने में कुछ समय लगा।
जब वह भारत में था तब भी उसके कंधे में जकड़न थी लेकिन इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट खेला। यहां आस्ट्रेलिया आने के बाद उसने एक बार फिर यही परेशानी महसूस की और उसे इंजेक्शन दिया गया। शास्त्री ने इस बयान में से सवाल उठने लगे हैं कि क्या शत प्रतिशत फिट नहीं होने के बावजूद खिलाड़ी को आस्ट्रेलिया दौरे पर लाया गया।
कोच ने स्वीकार किया कि जडेजा के उबरने में उम्मीद से अधिक समय लगा। उन्होंने कहा कि इसमें (जडेजा के उबरने में) उम्मीद से अधिक समय लगा और हम सतर्कता बरतना चाहते थे। आप यह नहीं चाहते कि पांच या 10 ओवर फेंकने के बाद कोई गेंदबाजी बाहर हो जाए।
शास्त्री ने कहा कि इसलिए अगर पर्थ की बात करें तो हमें लगता है कि वह 70 से 80 प्रतिशत फिट था और हम दूसरे टेस्ट में उसे लेकर जोखिम नहीं उठाना चाहते थे। अगर वह यहां (मेलबर्न में) 80 प्रतिशत फिट हुआ तो वह खेलेगा। शास्त्री ने कहा कि फिटनेस चिंता की बात है।
आलोचकों पर शास्त्री का तीखा वार
मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भारतीय टीम की आलोचना को खारिज करते हुए आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि लाखों मील दूर बैठकर बातें करना आसान होता है। भारत को पर्थ में दूसरे टेस्ट में 146 रन से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर जैसे लोगों ने टीम प्रबंधन की चयन नीति पर सवाल उठाए और कप्तान विराट कोहली तथा मुख्य कोच से अधिक जवाबदेही की मांग की।
शास्त्री ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन आलोचनाओं को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए जता दिया कि उन्हें ये टिप्पणियां पसंद नहीं आईं। शास्त्री ने टीम को निशाना बनाने वाले पूर्व क्रिकेटरों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब आप लाखों मील दूर बैठे होते हों तो बातें बनाना आसान होता है।
वे काफी दूर बैठकर टिप्पणी कर रहे हैं और हम दक्षिणी गोलार्ध में हैं। हमें वह करना है जो टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ है, यह सामान्य सी बात है। शास्त्री ने हालांकि स्वीकार किया कि शीर्ष क्रम टीम के लिए मुद्दा है क्योंकि लोकेश राहुल और मुरली विजय दो टेस्ट की लगातार चार पारियों में विफल रहे।
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