हिंदुस्तान के लिए एशियन गेम्स में जेवलीन थ्रो का पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा के कोच उवे हॉन ने स्पोर्ट्स अथोरिटी ऑफ इंडिया (साइ) पर उचित योगदान न करने के आरोप लगाए हैं। हॉन ने नीरज की ओलंपिक की तैयारी में आ रही मुश्किलों के जिक्र करते हुए बताया है कि उपकरणों के हासिल करने में देरी, अपर्याप्त स्टाफ, बेकार डाइट, व अनुचित योजना नीरज की ट्रेनिंग में बाधा डाल रही हैं।
हॉन ने मांग की है कि अब लोगों या कंपनी से सही समय पर मदद न मिली तो हम अपने ऊंचे लक्ष्यों को हासिल करने में चूक सकते हैं। संडे एक्सप्रेस को किए एक ई-मेल में उवे हॉन ने बोला का साई से हमें बहुत बुरा समर्थन मिला जिसकी वजह से हमें अब जल्द से जल्द मदद की जरूरत है। हॉन ने राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनएआईएस) में नीरज सहित कई भालाफेंक (जेवलीन थ्रो) खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बोला कि जिस तरह से नीरज की सफलता का जश्न मनाया गया उनसे टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीदें की गईं हैं, लेकिन उनको अब भी योगदान बहुत बेकार मिल रहा है।
नीरज ने की मामले शांत करने की कोशिश
बताते चलें कि टोक्यो में वर्ष 2020 में ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है। अब दो वर्ष से भी कम बचे समय में इस तरह कि शिकायतों को आना गंभीर मुद्दा है। वहीं दूसरी ओर नीरज ने इस मामले को शांत करने की प्रयास करते हुए बयान दिया है। नीरज ने बोला है कि हमारे कोच जर्मनी से हैं वहां का सिस्टम अलग तरह का है। हमारा राष्ट्र बहुत ज्यादा बड़ा है, यहां चीजें एकदम से नहीं हो सकती है।
साई ने किया निराश
नीरज ने इसी वर्ष जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था जिसमें उन्होंने 88.06 की दूरी पर भाला फेंका था जो कि उनका छठा श्रेष्ठ थ्रो था। वहीं हॉन ने अपने ईमेल में बोला कि चोपड़ा की तैयारी अभी उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पा रही हैं। उनकी रिकवरी सिस्टम व उच्च स्तर की जेवलीन की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। इस निराशा के कारण उन्हें जनता के बीच आना पड़ा है। हॉन ने कहा, “मैंने दो जेवलीन कंपनी से संपर्क किया था व उपकरणों की सूची पटियाला कार्यालय भी भेजी थी। लेकिन जब कंपनी को कोई ऑर्डर नहीं मिला तो मैंने पिछले हफ्ते ही चेक किया तो पता चला की मेरी ओर से भेजी गई ईमेल खोली तक नहीं गई है। साई इस तरह से कार्य कर रही है। ”
रिकवरी सिस्टम की भी समस्या
हॉन ने यह भी बोला कि टीम के पास केवल एक ही रीकवरी सिस्टम है। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी टीम के लिए दो रिकवरी सिस्टम की व्यवस्था की थी जिसमें से केवल एक चल रहा है।दूसरा 400 मीटर टीम के पास है। कोई हमारी मदद करना पसंद नहीं कर रहा है। न तो एएफआईस न ही साई। साई की समस्या बड़ी है। मुझे हमारी मांग को उठाए 4-5 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। ”
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