टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे की टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच के लिए टीम की घोषणा मैच से एक दिन पहले कर दी गई है। विराट कोहली ने इस मैच के लिए चार परिवर्तनकिए हैं इनमें सबसे अहम बदलाव मयंक अग्रवाल को शामिल किया जाना है। मयंक पिछले दो वर्षों से लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, इसके बाद भी वे टेस्ट टीम में स्थान पाने में नाकामयाब रहे थे। हाल ही में हुए वेस्टइंडीज के हिंदुस्तान दौरे की दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए उन्हें टेस्ट टीम में तो पहली बार शामिल किया गया, लेकिन वे प्लेइंग इलेवन में स्थान नहीं पा सके थे। मयंक का चयन इंडियन क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए मिसाल है।
घरेलू क्रिकेट में बल्ले से लगातार धूम मचा रहे कर्नाटक के युवा ओपनर मयंक भारतीय टीम में एंट्री के लिए लंबे समय से अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे थे। खुद मयंक इसे लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं रहे। उन्हें भरोसा था कि जब समय आएगा, उन्हें मौका जरूर मिलेगा व यह मौका आ गया। सचिन तेंदुलकर को देखकर क्रिकेट की आरंभ करने वाले मयंक के बल्ले से घरेलू क्रिकेट के हर फॉर्मेट में रनों का अंबार लगा है। इस दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली सहित कई महान क्रिकेटरों के रिकॉर्ड भी तोड़े हैं।
10 वर्ष की आयु में ही सचिन को देख किया फैसला
मयंक अग्रवाल ने अपने क्रिकेट की आरंभ के बारे में बताते हैं कि उन्होंने सचिन तेंदुलकर को खेलते हुए देखा सोच लिया कि उन्हें भी खेलना है। मयंक ने कहा, ”जब मैं 10 वर्ष का था, तब मेरे क्रिकेट की आरंभ हुई। गर्मियों की छुट्टियां होती थी तब समर कैंप लगते हैं। बस उन्हीं समर कैंप में क्रिकेट खेलना प्रारम्भ किया था व वहीं से मेरी जिंदगी में क्रिकेट की आरंभहुई। ”
सचिन से है गहरा लगाव
उन्होंने बोला कि मेरे क्रिकेट के प्रति लगाव की वजह सचिन तेंदुलकर हैं। मयंक ने बताया, ”मैंने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते हुए देखा तो बहुत अच्छा लगा था। उन्हें खेलते देखकर ही मुझे लगा कि मुझे भी क्रिकेट खेलना है। तब यह नहीं जानता था कि कितना खेल पाऊंगा लेकिन यह सोच लिया था कि प्रयास जरूर करूंगा। बस ऐसे ही मेरे क्रिकेट की आरंभहुई। स्कूल की गर्मियों की छुट्टियों में एकेडमी में क्रिकेट सीखने जाता था व ऐसे ही खेलने लगा था। ”
10वीं क्लास के बाद हो गए थे क्रिकेट के लिए गंभीर
क्रिकेट को करियर बनाने के बारे में मयंक का कहना है, ”मैं 10 क्लास पास कर चुका था। उस वक्त मेरी आयु 15-16 वर्ष के आसपास रही होगी। जब यह निर्णय लेना था कि आगे मेहनत से पढ़ाई करके एकेडमिक में जाना है या क्रिकेट खेलना है। उस वक्त मैंने क्रिकेट को चुना। तब मैंने यह निर्णय किया कि क्रिकेट को ही प्रोफेशन बनाना है। ”
ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए विराट ने सलामी बल्लेबाजी के लिए मयंक अग्रवाल पर भरोसा जताया है। पहले दो टेस्ट मैचों में सलामी जोड़ी केएल राहुल व मुरली विजय बुरी तरह से नाकाम रहे थे। केएल का फॉर्म लंबे समय से बेकार ही चल रहा था, इसके बाद भी विराट केएल पर भरोसा जता रहे थे। वहीं इस सीरीज से पहले पृथ्वी शॉ भी चोटिल होकर पूरी सीरीज से बाहर हो गए। इन वजहों से अब मयंक को मौका मिला है।
वीरेंद्र सहवाग हैं आदर्श
मयंक अग्रवाल भारतीय टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को अपना भूमिका मॉडल मानते हैं। वीरेंद्र सहवाग को गेम को डोमिनेट करने व आक्रामक खेलने के अंदाज के मयंक कायल हैं। उनका कहना है, ”वो बहुत ही सिंपल तरीके से खेलते हैं उनका वहीं अंदाज मुझे हमेशा आकर्षित करता है। ”
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